दीये इंसानियत गाँव गम लोग भीड़ जलते छाले असह्य दर्द शहर बिखर सड़क हाथ हिन्दी कविता जलते मजबूरी हमसफ़र अचानक शहर लड़खड़ा रहे नादान

Hindi जलते शहर Poems