अकथनीय है हस्ती उनकी, जो पथ प्रदर्शक भारत बना गए! गूंजे इन्ही गलियारों मे गान उनके, अकथनीय है हस्ती उनकी, जो पथ प्रदर्शक भारत बना गए! गूंजे इन्ही गलियारों मे ...
बता औकात कि तू क्या-क्या था, नामर्द भेड़िया या खूंखार दरिंदा था बता औकात कि तू क्या-क्या था, नामर्द भेड़िया या खूंखार दरिंदा था
लम्हे जो सम्हाल के रखे थे जीने के लिये , लम्हे जो सम्हाल के रखे थे जीने के लिये ,
हमें भी लोग चाहते हैं यह सोचकर कुछ लोग जलते हैं ! हमें भी लोग चाहते हैं यह सोचकर कुछ लोग जलते हैं !
चाँदनी थी रात अचानक मौसम बदल गयाबरसा बादल इस कदर कि शहर जल गयाचाँदनी थी रात अचानक.............. कुछ ... चाँदनी थी रात अचानक मौसम बदल गयाबरसा बादल इस कदर कि शहर जल गयाचाँदनी थी रात अचान...
समझना जरूरी है कीमत प्रकृति की, वक्त गुजर रहा है मुट्ठी में बंद रेत की तरह।। समझना जरूरी है कीमत प्रकृति की, वक्त गुजर रहा है मुट्ठी में बंद रेत की तरह।।